रविवार, 1 अप्रैल 2012

कौन है बागी कौन है दागी समझ में कुछ न आये
जो चम्बल में घूम रहे हैं डाकू वो कहलायें
जनता के मारे जो चाबुक खाल नोंच ले सारी
लोकतंत्र में ऐसे राजा बनें हैं अत्याचारी
कहे'सुधाकर' जनता पर कुछ रहम तो खाओ
अपना घर भरने को उस पर जुल्म न ढाओ ।।
                              - डॉ. सुधाकर आशावादी