शनिवार, 27 सितंबर 2014

मुक्तक 
गिलास भरा है आधा या यह आधा खाली है।
नकारा चिंतन का मित्रो कोई नही रखवाली है
अच्छा है हम जो भी देखें अच्छा ही देखें मित्रों
सृजनशीलता से ही मित्रों जीवन में खुशहाली है।।
- सुधाकर आशावादी

सोमवार, 22 सितंबर 2014

मुक्तक

राष्ट्र चेतना जन जन में होनी बहुत जरूरी है
देश की खातिर जीना मरना मित्रों मजबूरी है
स्नेहभावी जीवन यापन यही हमारा दर्शन है
कोई इसे कायरता समझे,इसमें नामंजूरी है।।
- सुधाकर आशावादी

गुरुवार, 18 सितंबर 2014

सियासत केवल बहेलिये का जाल है , जो येन केन प्रकारेण सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है। सवाल यह है कि जब तक देश में शिक्षा का सही प्रचार प्रसार नहीं होगा तथा शिक्षा मदरसों और एकपक्षीय कट्टरपंथियों में बंटी रहेगी तब तक स्वस्थ लोकतंत्र की कल्पना सिर्फ उत्तरप्रदेश में ही नहीं समूचे देश में करना निरर्थक है।
- सुधाकर आशावादी

गुरुवार, 11 सितंबर 2014

मुक्तक 

देश के कोने कोने में सबसे कह दो आबाद रहें 
मानवता की रक्षा का पाठ उन्हें बस याद रहे। 
अपनी सीमाओं में विस्तृत भारत है घर अपना
यही यथार्थ है मित्रों नहीं तनिक भी यह सपना  
समय चुनौती का है मानवता का सम्मान करो 
कटी जली व भूली बिसरी बातों का न भान करो 
स्वर्ग धरा का कैसे संवरे कैसे हो मानव कल्याण   
बुरे वक्त में ही होती है अपने अपनों की पहचान।