सोमवार, 27 फ़रवरी 2017

क्या ज़वाब दूँ ?
कुछ सोचकर मैं चुप हो गया
वो नादान 'कुंठित' सोच से
उबर पाया ही नहीं.

बुधवार, 22 फ़रवरी 2017

देश मेरा हुआ आज कंगाल है
नफरतें विष वमन कैसा भूचाल है
देश की सबको चिंता बहुत है मगर
देश की हर व्यवस्था ही बदहाल है .
@ सुधाकर आशावादी
देश मेरा हुआ आज बदहाल है
नफरतें विष वमन कैसा भूचाल है
देश की सबको चिंता बहुत है मगर
नेता के तन जड़ी भेड़िया खाल है .
@ सुधाकर आशावादी

देश को किया है तो वह है संकीर्ण सियासत
सियासत से ही बनाई है लोगों ने रियासत .
निसंदेह धर्म जाति की अलगाववादी अवधारणा ने
तथाकथित धर्मनिरपेक्षता को भी बदनाम कर दिया .
@ सुधाकर आशावादी