sudhasha
शुक्रवार, 7 मार्च 2014
मुक्तक
कर्म पथ का हूँ पथिक,न तुम मुझे आवाज़ दो
पक्षधर मैं परिवर्तन का, तुम नया आगाज़ दो
हो मेरा संकल्प पूरा मन कामना मेरी यही है
सृजनपथ पर साथ दे, तुम नया अहसास दो।
- सुधाकर आशावादी
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