शुक्रवार, 14 सितंबर 2012

     " हिन्दी दिवस पर विशेष "
सूर तुलसी ने सींचा जिसे प्यार से 
और कबीरा ने बाँचा था तकरार से 
मीरा के कंठ को शब्द जिसने दिए 
हिन्दी तुझको नमन आज सत्कार से ।।

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