sudhasha
रविवार, 23 दिसंबर 2012
नव वर्ष जब आएगा तब आएगा
आओ पहले इस वर्ष से बच जाएं
घोर पाप और अनीति के युग में
सोचे कैसे अपने आप ही बच पाए ?
==========आशावादी
देश के नाम :
देश का युवा अब जाग गया है उसने ली अंगड़ाई
दरिन्दों अब दरिंदगी छोड़ो तुम्हारी शामत आई
जो कदम बढ़े अब नहीं रुकेंगे चाहे कुछ हो जाए
चाहे जितना पानी बरसे चाहे जितनी लाठी खाएं ।
नहीं सहेंगे सियासत कोई आज किसी गददार की
जय बोलो हिंदुस्तान की जय बोलो हिंदुस्तान की ।।
- डॉ.सुधाकर आशावादी
शास्त्री भवन,ब्रहमपुरी,मेरठ
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