शुक्रवार, 21 मार्च 2014

चुनाव चुनाव खेल रहा पर महँगाई का आलम है
महंगे महंगे सौदे सारे हाँ महँगाई का परचम है
सत्ता और व्यापारी मिलकर लूट देश को खायेंगे
चन्दे की हो गई उगाही अब लूट में साथ निभाएंगे।
- सुधाकर आशावादी

मंगलवार, 18 मार्च 2014

मुक्तक :

हार है न जीत, यही तो ज़िंदगी का गीत है।
मृत्यु क्षण तक यहाँ पर ज़िंदगी से प्रीत है।
राह भले कितनी कठिन हो, चलना ज़रूरी है 
डर से आगे ही सदा मिलती सभी को जीत है।
- सुधाकर आशावादी

मंगलवार, 11 मार्च 2014

मुक्तक

ज़िन्दगी में वक़्त कितना, कौन जाने
ज़िन्दगी में कौन कितना, कौन जाने
फिर भी हम आँखों में नफ़रत पालते हैं
प्यार को है वक़्त कितना कौन जाने ?

शुक्रवार, 7 मार्च 2014

sudhasha: मुक्तक  कर्म पथ का हूँ पथिक,न तुम मुझे आवाज़ दो पक...

sudhasha: मुक्तक
 कर्म पथ का हूँ पथिक,न तुम मुझे आवाज़ दो पक...
: मुक्तक   कर्म पथ का हूँ पथिक,न तुम मुझे आवाज़ दो पक्षधर मैं परिवर्तन का, तुम नया आगाज़ दो हो मेरा संकल्प पूरा मन कामना मेरी यही ...
मुक्तक
 
कर्म पथ का हूँ पथिक,न तुम मुझे आवाज़ दो
पक्षधर मैं परिवर्तन का, तुम नया आगाज़ दो
हो मेरा संकल्प पूरा मन कामना मेरी यही है
सृजनपथ पर साथ दे, तुम नया अहसास दो। 
- सुधाकर आशावादी