रविवार, 23 दिसंबर 2012

देश के नाम :
देश का युवा अब जाग गया है उसने ली अंगड़ाई 
दरिन्दों अब दरिंदगी छोड़ो तुम्हारी शामत आई 
जो कदम बढ़े अब नहीं रुकेंगे चाहे कुछ हो जाए 
चाहे जितना पानी बरसे चाहे जितनी लाठी खाएं ।
नहीं सहेंगे सियासत कोई आज किसी गददार की 
जय बोलो हिंदुस्तान की जय बोलो हिंदुस्तान की ।।
- डॉ.सुधाकर आशावादी 
शास्त्री भवन,ब्रहमपुरी,मेरठ 

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