यह जीवन कितना पावन है
संबंधों का वृन्दावन है ।
======आशावादी
श्वांसों की धड़कन है जीवन संगीत
उभर रहे झरनों संग प्रीत भरे गीत
झर-झर झरती सी सतरंगी धार
आओ चलो बुने यही झरनों के गीत ।।
========आशावादी ========
मंगलवार, 16 अक्टूबर 2012
नफरतों का दौर बढ़ता जा रहा है
आदमी विश्वास छलता जा रहा है
आग की भट्टी का कैसे दोष मानें
खोट सोने संग पिघलता जा रहा है ।।
जिंदगी में दुःख समस्या है
और सुख केवल समस्यापूर्ति ।
रविवार, 14 अक्टूबर 2012
न जाने कितने हिसाब हैं जिंदगी की किताब में
न जाने कितने सवाल हैं जिंदगी की किताब में
लड़ते हैं रोज़ जंग हम अपनी जिंदगी से ही
लिखते नए अध्याय जिंदगी की किताब में ।।