सियासत केवल बहेलिये का जाल है , जो येन केन प्रकारेण सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है। सवाल यह है कि जब तक देश में शिक्षा का सही प्रचार प्रसार नहीं होगा तथा शिक्षा मदरसों और एकपक्षीय कट्टरपंथियों में बंटी रहेगी तब तक स्वस्थ लोकतंत्र की कल्पना सिर्फ उत्तरप्रदेश में ही नहीं समूचे देश में करना निरर्थक है।
- सुधाकर आशावादी
- सुधाकर आशावादी
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