::एक मुक्तक ::
जानता था बात मेरी मान लोगे
जब कथानक का तनिक भी भान लोगे
फिर करोगे तुम समीक्षा अपनेपन की
तब हकीकत तुम भी मेरी जान लोगे ।
जानता था बात मेरी मान लोगे
जब कथानक का तनिक भी भान लोगे
फिर करोगे तुम समीक्षा अपनेपन की
तब हकीकत तुम भी मेरी जान लोगे ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें