sudhasha
बुधवार, 9 जनवरी 2013
मैं कलम का पुत्र करता हूँ कलम की वन्दना
मैं सृजन का सूत्र उर में है सृजन की कामना
मैं जगत अनुयायी लेकिन भीड़ का न अंश हूँ
प्रीत-पथ पर अग्रसर ले नेह की प्रस्तावना ।।
=================आशावादी
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