sudhasha
गुरुवार, 19 मार्च 2015
मुक्तक :
मौन है, पर दह रहा अहसास का दरिया
सब व्यथाएं सह रहा अहसास का दरिया
तप्त धरती बंजर रिश्ते बर्फ सी संवेदना
हर हृदय में बह रहा अहसास का दरिया।
- सुधाकर आशावादी
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