किस किस को कैसे समझाएं :
रचनाकार किसी भी रचना को अपने नजरिये से लिखता है। पाठक कौन से नजरिये से उसे पढता है , पाठक जाने। दोनों के नजरिये अनुकूल ही हो , इसकी गारंटी कोई नहीं ले सकता।
- सुधाकर आशावादी
रचनाकार किसी भी रचना को अपने नजरिये से लिखता है। पाठक कौन से नजरिये से उसे पढता है , पाठक जाने। दोनों के नजरिये अनुकूल ही हो , इसकी गारंटी कोई नहीं ले सकता।
- सुधाकर आशावादी
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