sudhasha
गुरुवार, 6 जून 2013
शुभ-रात्रि :
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आज मुझे फिर अपना
बचपन याद आया है
नन्ही यादों ने फिर आकर के मुझे हंसाया है
बचपन की शैतानी फिर आँखों में तैर गयी
गली का नुक्कड़ कोना कोना आज सुहाया है ॥
- सुधाकर आशावादी
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