sudhasha
गुरुवार, 26 फ़रवरी 2015
सिर्फ एक अपील :
इतना भी न इतराओ मित्र कि धरती पर पाँव न हों
सूरज भी खफा हो जाय और पेड़ों की भी छाँव न हो।
- सुधाकर आशावादी
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