sudhasha
शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2015
मैं तुम्हे आवाज़ दूंगा पर न आना तुम
हो सके तो दूर से ही बस रिझाना तुम
सच यही है पास हो तो मोल क्या जानूं
दूर होकर अपनी कीमत आजमाना तुम।
- सुधाकर आशावादी
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