रविवार, 26 अगस्त 2012

             ग़ज़ल
भूख लिख प्यास लिख
बेदम की आवाज़ लिख
भूखे को रोटी मिल जाए
ऐसा कुछ आगाज़ लिख
भूख गरीबी बेकारी में
जीने का अंदाज़ लिख
जितना चाहे उतना लिख ले
पर रोटी का ग्रास लिख ।।

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