काँच का घर
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चोट खायेगा तो चटख जायेगा
ये काँच का घर है ।
मोम से क्यों बनाया इसे
ये आँच का घर है ।
सरपरस्ती इसे भी चाहिए
ये जाँच का घर है ।
द्रोपदी अब सुरक्षित नहीं
ये पाँच का घर है ॥
- सुधाकर आशावादी
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