रविवार, 12 मई 2013

मुक्तक
जब जब बगिया में एक कोयल गाएगी
तब-तब उपवन की कोंपल हर्षाएगी
कोमल कलियाँ गीत लिखेंगी अधरों पर
हरियाली जीवन के गीत सुनाएगी ॥
- आशावादी 

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