sudhasha
मंगलवार, 14 मई 2013
मुक्तक :
नींद के आगोश में मैं आज सोना चाहता हूँ
प्रीत के आगोश में मैं आज खोना चाहता हूँ
नींद आये तो मिटेगी आज आँखों की थकन
मीत के सपनों में खुद को मैं डुबोना चाहता हूँ ।।
- सुधाकर आशावादी
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