लोकपाल बिल को लेकर काफी उहापोह की स्थिति है, सत्तापक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं,मगर सत्यता कुछ और नज़र आती है आम आदमी बखूबी समझता है, कि किस प्रकार से उसे मूर्ख बनाने का
प्रयास किया जा रहा है, क्योंकि आज के दौर में कोई नहीं चाहता कि यह बिल पास हो, चाहे कॉंग्रेस हो अथवा भाजपा ,सपा हो या बसपा,कोई भी दल ऐसा नहीं है जो भ्रष्टाचार की दलदल में न धंसा हुआ हो, ऐसे में सभी एक दूसरे पर दोषारोपण करके बिल को लटकाने का षड्यंत्र रच रहे है, अन्ना भी अपने स्वार्थी सिपहसालारो कि हरकतों के सम्मुख बौने नज़र आ रहे हैं, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता,कि भ्रष्टाचार जनमानस के रक्त में इतना रच बस गया है,कि उसे जड़ से समाप्त कर पाना इतना आसान नहीं है ,निसंदेह जब तकतक भ्रष्टाचार के विरूद्ध जनाक्रोश उत्पन्न नहीं होगा तथा नेक नीयत से इसका उपचार नहीं होगा तब तक लोकपाल पर संशय ही बना रहेगा.
- dr. सुधाकर आशावादी
प्रयास किया जा रहा है, क्योंकि आज के दौर में कोई नहीं चाहता कि यह बिल पास हो, चाहे कॉंग्रेस हो अथवा भाजपा ,सपा हो या बसपा,कोई भी दल ऐसा नहीं है जो भ्रष्टाचार की दलदल में न धंसा हुआ हो, ऐसे में सभी एक दूसरे पर दोषारोपण करके बिल को लटकाने का षड्यंत्र रच रहे है, अन्ना भी अपने स्वार्थी सिपहसालारो कि हरकतों के सम्मुख बौने नज़र आ रहे हैं, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता,कि भ्रष्टाचार जनमानस के रक्त में इतना रच बस गया है,कि उसे जड़ से समाप्त कर पाना इतना आसान नहीं है ,निसंदेह जब तकतक भ्रष्टाचार के विरूद्ध जनाक्रोश उत्पन्न नहीं होगा तथा नेक नीयत से इसका उपचार नहीं होगा तब तक लोकपाल पर संशय ही बना रहेगा.
- dr. सुधाकर आशावादी
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